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मनतंत्र type of democracy https://rroshanravi.blogspot.com/2021/05/type-of-democracy.html

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                         मनतंत्र                         प्राचीन काल का राजतंत्र आधुनिक काल में जनतंत्र के रूप में परिवर्तित हो गया। राजतंत्र में राजा का पुत्र ही राजा होता था, लेकिन जनतंत्र में राजा को जनता के बीच से ही चुना जाता है। जनतंत्र में जनता के बीच से ही राजा का चुनाव होने के कारण राजा जनता के प्रति अधिक संवेदनशील होते है और इसमें जनता के हितों का अधिकतम ख्याल रखा जाता है। बीसवीं शताब्दी तक दुनिया के लगभग सभी देशों में जनतंत्र अस्तित्व में आ गया था। इक्कीसवीं सदी जनतांत्रिक व्यवस्था के साथ अपने प्रारंभिक दौर से गुजर ही रहा था, तभी दुनिया के एक बड़े जनतंत्र के अंदर एक नया तंत्र विकसित हुआ, जिसे 'मनतंत्र' की संज्ञा दी गई। हालांकि ऐसे जनतंत्र में एक नाम मात्र का राज्यप्रमुख होता है, जबकि दूसरा वास्तविक राज्यप्रमुख होता है। राज्य का जो वास्तविक राज्यप्रमुख है उसे ही राज्य के संचालन की वास्तविक जिम्मेदारी दी गई है और राज्य संचालन के लिए उसे असीम शक्तियां और अधिकार प्रदान की गई है, लेकिन राज्य में जैसे-जैसे ‘जनतंत्र', ‘मनतंत्र’ के रूप में परिवर्तित होता गया, वैसे-वैसे

हिंदी विषय में रोजगार की संभावना Job prospects in Hindi https://rroshanravi.blogspot.com/2021/05/job-prospects-in-hindi.html

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 हिंदी विषय में रोजगार की संभावना https://rroshanravi.blogspot.com/2021/05/job-prospects-in-hindi.html "हिंदी से ही हिंद की पहचान है।                                        हिंद ग़र जिस्म है तो हिंदी उसकी ज़ान है।। "                                     हिंदी विषय संभावनाओं से भरा है। हिंदी विषय से यदि रोजगार के क्षेत्र में संभावनाओं की बात की जाए तो भारत के सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा में हिंदी अभ्यार्थियों का पसंदीदा विषय है। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान ,हिमाचल प्रदेश जैसे हिंदी भाषी प्रदेशों में हिंदी विषय से सेवाओं में चयनित होना अपेक्षाकृत आसान होता है। राज्य स्तरीय सिविल सेवाओं में भी हिंदी एक सफलता दिलाने वाले विषय के रूप में स्थापित हो चुका है। इसके साथ ही राजभाषा अधिकारी जैसे प्रतिष्ठित पदों पर इस विषय के माध्यम से चयन आसान हो जाता है। हिंदी जुड़ाव हिंदुस्तानी आवाम के हृदय से है इसलिए इसे बोलना और समझना आसान है, पढ़ना आसान है यदि किसी भी विषय को रूचि पूर्ण ढंग से पढ़ते हैं, तो उस वि

सवाल जबाव the real situation of Biharhttps://rroshanravi.blogspot.com/2021/05/blog-post.html

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सवाल जबाव the real situation of Bihar   https://rroshanravi.blogspot.com/2021/05/blog-post.html सवाल-जवाब जहां कल था, खुशियों का बसेरा। वहां आज है, गमों का अंधेरा।। जनता का यह सवाल है सुशासन से? क्या विकास होगा सिर्फ भाषण से? क्या बदली जाएगी बिहार की तस्वीर? या बेकारी ही बनेगी जनता की तकदीर? जवाब आया सुशासन से अकड़ कर। क्यों बैठे हो अपने पैसे पकड़ कर।। अधिकारियों और मंत्रियों को पैसा खिलाओ। और फिर अपना, मनचाहा फल पाओ।। जनता ने कहा 'पैसा कहां से आएगा सरकार?' क्या रोजगार के लिए बेच दें घर-बार? क्या इसलिए हमने आपको दिया था वोट? रोजगार के बदले मांगें आप हमसे नोट? तुम्हारे कहने से कुछ फर्क नहीं पड़ता है सुशासन को। दम है तो हिला कर देख लो मंत्री के आसन को।। हमें मिला है चुनाव में पूर्ण बहुमत। किसी की सुनने की क्या है जरूरत? जो मर्जी में करूं मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। नींव बहुत मजबूत है इसलिए सत्ता से उखाड़ नहीं सकता।। चुनाव के पैसे मैं कहां से लाऊंगा? इसके लिए अधिकारियों को ही तो मोहरा बनाऊंगा।। फिर जब चुनाव का समय आएगा। यही पैसा असर दिखाएगा।। क्या हुआ गर बिहार विकास से महरूम रह