मुस्कुराता चेहरा https://rroshanravi.blogspot.com/2022/02/blog-post.html
जगह-जगह बहुत ऊंचाई पर टंगी तस्वीरों में दिखाई पड़ने वाला ये मुस्कुराता चेहरा आखिर इतना मुस्कुरा क्यों रहा है? क्या कभी आपने इस पर विचार किया है? अगर अब तक विचार नहीं किया, तो अब कीजिए और गहराई से सोचिए कि क्या ये सचमुच मुस्कुरा रहा है। जी नहीं ! ये मुस्कुरा नहीं रहा है, बल्कि हँस रहा है, हम पर हँस रहा है, हमारी बेबसी पर हँस रहा है, हमारी लाचारी पर हँस रहा है, हमारी नाकामी पर हँस रहा है। यह एक ऐसे विजेता की मुस्कान है, जिसने अफवाहों के बल पर आवाम के दिलो-दिमाग पर विजय हासिल की है।यह एक ऐसे व्यापारी की मुस्कान है, जिसने झूठ के बल पर सत्ता हासिल करने के एक नायाब तरीके का इजाद किया है। यह एक ऐसे धार्मिक व्यापारी की मुस्कान है, जिसने धर्म के धंधे को अपने राजनैतिक मुनाफे के लिए इस्तेमाल किया। यह एक ऐसे मायावी मानव की मुस्कान है, जिसने अपने झूठे आंसू से पूरे आवाम को सच में रुला दिया। यह एक ऐसे सुखी इंसान की मुस्कान है, जिसने अपने सुख के लिए पूरी आवाम को दुख के अथाह सागर में धकेल दिया। यह एक ऐसे सौदागर की मुस्कान है, जिसने अपने फायदे के लिए आवाम की संपत्ति का ही सौदा कर डाला। यह एक ऐसे कलाकार की मुस्कान है, जो अपनी कमियों को दूसरों के मत्थे मढ़ देने की कला में माहिर है। यह एक ऐसे चमकते चेहरे की मुस्कान है, जिसने अपने वर्तमान को उज्जवल बनाने के लिए करोड़ों युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बना डाला। यह एक ऐसे खाते पीते इंसान की मुस्कान है, जिसने गरीबों के मुंह से निवाला छीन कर अपने छप्पन भोग का इंतजाम किया है। अब ये फैसला आवाम को करना है कि क्या ये मुस्कान जायज है?
डॉ रोशन रवि
विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग, के.डी.एस. कॉलेज, गोगरी, मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर।
बहुत अच्छा है सर 👌👌👌
जवाब देंहटाएंMast Hai Really Great One
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